राष्ट्रीय खेल दिवस 2025: मेजर ध्यानचंद, थीम, इतिहास और महत्व

राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 : भारत में हर साल 29 अगस्त का दिन एक खास महत्व रखता है। यह दिन केवल एक तारीख नहीं बल्कि खेलों के प्रति हमारे देश की सोच, जुनून और गौरव का प्रतीक है। इस दिन को हम राष्ट्रीय खेल दिवस (National Sports Day) के रूप में मनाते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य है खेलों के महत्व को बढ़ावा देना, युवाओं को फिटनेस और स्पोर्ट्स की ओर प्रेरित करना और साथ ही हॉकी के महानायक मेजर ध्यानचंद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देना।

राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है?

राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने की शुरुआत साल 2012 से हुई। यह दिन महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद सिंह की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है।

मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था।

उन्हें “हॉकी का जादूगर” कहा जाता है क्योंकि जब वह खेलते थे तो ऐसा लगता था जैसे गेंद उनकी स्टिक से चिपक गई हो।

उन्होंने भारत को 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक दिलाया और दुनिया को भारतीय हॉकी का लोहा मनवाया।

मेजर ध्यानचंद के योगदान और उनकी खेल प्रतिभा को सम्मान देने के लिए ही हर साल यह दिन मनाया जाता है।

राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 की थीम

साल राष्ट्रीय खेल दिवस को एक नई थीम (Theme) के साथ मनाया जाता है।

साल 2025 की थीम है

 “एक घंटा, खेल के मैदान में” (Ek Ghanta, Khel ke Maidan Mein)

इसका संदेश है कि हर इंसान रोज़ाना अपने स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए कम से कम एक घंटा खेल या शारीरिक गतिविधि को दे। यह न केवल स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देता है बल्कि समाज में एकता और शांति का संदेश भी देता है।

राष्ट्रीय खेल दिवस और फिट इंडिया मूवमेंट

राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 पर सरकार की ओर से एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसे फिट इंडिया मिशन से जोड़ा गया है।

29 अगस्त से 31 अगस्त 2025 तक पूरे देश में एक तीन दिवसीय जन आंदोलन चलाया जाएगा।

इस दौरान सभी नागरिकों को प्रेरित किया जाएगा कि वे हर दिन कम से कम एक घंटा खेल या व्यायाम करें।

स्कूल, कॉलेज और समाजिक संस्थाएं इसमें सक्रिय रूप से भाग लेंगी।

मेजर ध्यानचंद: हॉकी के जादूगर

राष्ट्रीय खेल दिवस की बात बिना मेजर ध्यानचंद के अधूरी है। वे सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं बल्कि खेलों के प्रतीक थे।

उन्होंने अपने करियर (1926–1949) में लगभग 400 से ज्यादा गोल किए।

उनकी गिनती दुनिया के महानतम हॉकी खिलाड़ियों में होती है।

लोग कहते हैं कि जब वे मैदान में उतरते थे तो गेंद जैसे अपने आप गोल पोस्ट की राह पकड़ लेती थी।

उनकी लोकप्रियता इतनी थी कि उन्हें जर्मनी के तानाशाह हिटलर ने भी सेना में उच्च पद और नागरिकता का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने भारत की सेवा को ही प्राथमिकता दी।

राष्ट्रीय खेल दिवस पर दिए जाने वाले पुरस्कार

राष्ट्रीय खेल दिवस केवल मेजर ध्यानचंद को याद करने का दिन ही नहीं है, बल्कि इस दिन देश के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों और कोचों को सम्मानित भी किया जाता है।

  1. राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार

यह भारत का सबसे बड़ा खेल सम्मान है।

इसे 1991 में शुरू किया गया था।

सबसे पहले इसे शतरंज ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को दिया गया।

  1.  अर्जुन पुरस्कार

1961 से शुरू हुआ यह पुरस्कार सबसे पुराना खेल सम्मान है।

इसे खिलाड़ियों को उनके खेल में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए दिया जाता है।

  1.  द्रोणाचार्य पुरस्कार

1985 से शुरू हुआ यह सम्मान कोचों को दिया जाता है।

इसमें भारतीय और विदेशी दोनों कोच शामिल हो सकते हैं।

  1. मेजर ध्यानचंद पुरस्कार

2002 में शुरू हुआ यह पुरस्कार खिलाड़ियों को उनके आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है।

पहली बार इसे मुक्केबाजी के शाहराज बिराजदार, हॉकी के अशोक दीवान और बास्केटबॉल की अपर्णा घोष को दिया गया।

राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 पर होने वाले आयोजन

राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 पर पूरे देश में तरह-तरह की गतिविधियां आयोजित की जाती हैं:

स्कूलों और कॉलेजों में खेल प्रतियोगिताएं

फिटनेस और हेल्थ को लेकर सेमिनार

खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए समारोह

हॉकी, कबड्डी, मैराथन, बास्केटबॉल जैसी प्रतियोगिताएं

राष्ट्रपति भवन में एक विशेष आयोजन, जहां पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं।

खेलों का महत्व: क्यों जरूरी है खेल?

खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन को बेहतर बनाने का माध्यम है।

  1. स्वास्थ्य के लिए जरूरी – खेल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को बेहतर बनाते हैं।
  2. अनुशासन सिखाते हैं – खेल हमें नियमों और अनुशासन का पालन करना सिखाते हैं।
  3. टीमवर्क का महत्व – खेलों में एक साथ काम करने और टीम भावना को समझने का मौका मिलता है।
  4. समानता का संदेश – मैदान पर हर खिलाड़ी बराबर होता है, चाहे उसकी जाति, धर्म या भाषा कोई भी हो।

 

राष्ट्रीय खेल दिवस: सवाल-जवाब (FAQ)

सवाल 1: भारत का राष्ट्रीय खेल दिवस कब मनाया जाता है?

 29 अगस्त को।

सवाल 2: राष्ट्रीय खेल दिवस की शुरुआत कब हुई?

 साल 2012 से।

सवाल 3: राष्ट्रीय खेल दिवस क्यों मनाया जाता है?

 महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में।

सवाल 4: राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 की थीम क्या है?

 “एक घंटा, खेल के मैदान में”।

बदलती सोच: “खेलोगे कूदोगे बनोगे नवाब”

एक समय था जब लोग कहते थे – “पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब”।

लेकिन अब समय बदल गया है।

आज यह कहा जाता है –

 “पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे लाजवाब“।

खेलों ने भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दी है। चाहे ओलंपिक हो, एशियन गेम्स हो या वर्ल्ड कप, भारतीय खिलाड़ियों ने हर जगह तिरंगा लहराया है।

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निष्कर्ष

राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह दिन हमें खेलों के महत्व, फिटनेस और अनुशासन का महत्व याद दिलाता है। यह दिन मेजर ध्यानचंद जैसे महानायक को याद करने का भी है, जिन्होंने

अपने खेल कौशल से भारत का नाम दुनिया भर में रोशन किया।

इस साल राष्ट्रीय खेल दिवस 2025 की थीम है “एक घंटा, खेल के मैदान में” हमें यह प्रेरणा देती है कि अगर हम रोज़ाना केवल एक घंटा खेलों को दें तो न सिर्फ हमारा स्वास्थ्य बेहतर होगा, बल्कि हम एक मजबूत और एकजुट समाज की नींव भी रख पाएंगे।

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