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GST Reforms का कार, बाइक, ट्रैक्टर, बस, ट्रक और ऑटो पार्ट्स पर क्या असर होगा ? जानिए

GST Reforms in Automobiles

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भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग दुनिया के सबसे बड़े और तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक है। यह उद्योग न सिर्फ लाखों लोगों को रोज़गार देता है बल्कि “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” के विजन को भी आगे बढ़ाता है। सरकार ने इस क्षेत्र में बड़े बदलाव करते हुए जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) दरों में कटौती की है।

इन सुधारों का मकसद वाहनों को आम जनता के लिए सस्ता बनाना, छोटे और मझोले उद्यमों (MSMEs) को बढ़ावा देना, रोजगार सृजन करना और भारत को एक वैश्विक ऑटोमोबाइल हब बनाना है।

आइए विस्तार से जानते हैं कि जीएसटी सुधारों का कार, बाइक, ट्रैक्टर, बस, ट्रक और ऑटो पार्ट्स पर क्या असर होगा।

सरकार की सोच और उद्देश्य

सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई अहम योजनाएं चलाई हैं जैसे:

इन्हीं नीतियों के साथ अब जीएसटी दरों का तर्कसंगत (rationalisation) किया गया है, ताकि:

दोपहिया वाहन (बाइक) पर जीएसटी कटौती

पहले: 28%
अब: 18% (350cc तक की बाइक्स पर लागू)

छोटी कारों पर जीएसटी कटौती

पहले: 28%
अब: 18% (1200cc से कम पेट्रोल और 1500cc से कम डीजल इंजन, लंबाई 4 मीटर से कम)

बड़ी कारों पर जीएसटी में बदलाव

पहले: 35% से 50% तक + अलग से Cess
अब: फ्लैट 40% (बिना Cess के)

ट्रैक्टर और उनके पुर्जों पर जीएसटी कटौती

फायदे:

ट्रक और कमर्शियल व्हीकल्स

पहले: 28%
अब: 18%

बसों पर जीएसटी कटौती

पहले: 28%
अब: 18% (10 से ज्यादा सीट वाली बसों पर लागू)

ऑटो पार्ट्स और सहयोगी उद्योग

इसका असर:

रोजगार और MSME पर असर

वित्तीय समावेशन और लोन पर असर

पर्यावरण और क्लीन मोबिलिटी

निष्कर्ष

भारत सरकार द्वारा ऑटोमोबाइल सेक्टर में की गई जीएसटी दरों की कटौती एक ऐतिहासिक कदम है।

इससे:

ये सुधार केवल टैक्स दरों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत, मेक इन इंडिया और क्लीन मोबिलिटी की दिशा में बड़ा कदम हैं।

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