तेलंगाना SBI फ्रॉड में ₹13.71 करोड़ का घोटाला: कैशियर ने उड़ाए 20 किलो सोना और ₹1.10 करोड़ नकद

 तेलंगाना में बैंक फ्रॉड का चौंकाने वाला मामला

भारत में बैंक धोखाधड़ी (Bank Frauds) नई बात नहीं है। लेकिन जब भी कोई बड़ा घोटाला सामने आता है, तो यह आम लोगों के बैंकों पर भरोसे को हिला देता है। हाल ही में तेलंगाना के चन्नूर (जिला आदिलाबाद) स्थित भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक शाखा में ऐसा ही सनसनीखेज घोटाला सामने आया है। यहां शाखा के एक कैशियर नारिगे रविंदर ने लगभग 20 किलो सोना और ₹1.10 करोड़ नकद गबन कर लिया। कुल मिलाकर ग्राहकों और बैंक को ₹13.71 करोड़ का नुकसान हुआ।

तेलंगाना SBI फ्रॉड  हाल ही में रिलीज़ हुई तेलुगु फिल्म लकी भास्कर की कहानी से मिलता-जुलता है, जहां एक बैंक कर्मचारी सिस्टम को चकमा देकर बड़ी धोखाधड़ी करता है। यही कारण है कि इस घटना ने सैकड़ों ग्राहकों और सोना गिरवी रखने वालों के बीच दहशत फैला दी।

कैसे हुआ तेलंगाना SBI फ्रॉड?

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, रविंदर 2017 से SBI चन्नूर शाखा में कैशियर के रूप में काम कर रहा था। वह बासरा ट्रिपल आईटी से बी.टेक कर चुका था और भरोसेमंद कर्मचारी माना जाता था। लेकिन पिछले 10 महीनों में उसने सुनियोजित तरीके से एक बड़ा स्कैम खड़ा किया।

कैशियर की गुप्त चालें

  • रविंदर ने परिवार और रिश्तेदारों के नाम पर फर्जी खाते खोले।

  • ग्राहकों द्वारा जमा किया गया सोना और नकद इन खातों में डाल दिया जाता।

  • 449 ग्राहकों द्वारा गिरवी रखे गए 25.175 किलो सोने में से 20.496 किलो उसने गायब कर दिया।

  • साथ ही, ₹1.10 करोड़ नकद भी गलत खातों में स्थानांतरित कर लिया।

ऑडिट में खुला राज

यह पूरा घोटाला त्रैमासिक ऑडिट के दौरान सामने आया। जांच में सोने और नकद के आंकड़े मेल नहीं खा रहे थे।

शक और धोखाधड़ी की खोज

यह फ्रॉड 22 मई से 22 अगस्त 2025 के बीच हुए ऑडिट के दौरान उजागर हुआ।

  • सोना और नकदी रिकॉर्ड में भारी अंतर दिखाई दिया।

  • CCTV फुटेज और फिंगरप्रिंट जांच से रविंदर की भूमिका साफ हो गई।

  • जैसे ही ऑडिट शुरू हुआ, रविंदर अचानक काम पर आना बंद कर दिया।

  • बाद में खबर मिली कि उसने वेंमुलावाड़ा में सिर मुंडवाया ताकि पहचान से बच सके।

पुलिस का मानना है कि रविंदर ने चोरी की गई रकम का कुछ हिस्सा अन्य बैंकों और वित्तीय कंपनियों में निवेश किया और फिर फरार हो गया।

ऑनलाइन सट्टेबाजी और फिल्म से प्रेरणा

जांच में पता चला कि रविंदर ऑनलाइन बेटिंग का आदी था और उस पर काफी कर्ज हो चुका था। कर्ज चुकाने और तेजी से अमीर बनने के लिए उसने यह जोखिम उठाया।

अधिकारियों का कहना है कि वह हाल ही में रिलीज हुई फिल्म लकी भास्कर से भी प्रभावित था। फिल्म की तरह उसने भी सोचा कि बैंक को धोखा देकर करोड़ों कमाए जा सकते हैं, लेकिन हकीकत में उसकी यह चाल भारी पड़ गई।

SBI ग्राहकों की घबराहट और विरोध

जैसे ही तेलंगाना SBI फ्रॉड  की खबर बाहर आई, शाखा के ग्राहकों में हड़कंप मच गया। खासतौर पर वे लोग परेशान हो गए जिन्होंने अपना सोना गिरवी रखा था।

  • सैकड़ों ग्राहक बैंक पहुंच गए और जवाब मांगा।

  • शाखा के बाहर विरोध प्रदर्शन होने लगा।

  • लोगों को डर था कि उनका कीमती सोना और मेहनत की कमाई हमेशा के लिए चली जाएगी।

स्थिति को संभालने के लिए SBI के जनरल मैनेजर और रीजनल मैनेजर को मौके पर पहुंचना पड़ा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि चोरी हुआ सोना और नकद ग्राहकों को वापस दिलाने की पूरी कोशिश की जा रही है।

पुलिस जांच और गिरफ्तारियां

घोटाले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की।

  • फरार रविंदर की तलाश में कई विशेष टीमें बनाई गईं।

  • अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें रविंदर की पत्नी और साली भी शामिल हैं।

  • चार बैंक अधिकारियों पर भी लापरवाही या मिलीभगत का शक जताया गया है।

  • धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के मामले दर्ज किए गए हैं।

सर्कल इंस्पेक्टर देवेंद्र राव ने बताया कि पुलिस टीमें लगातार रविंदर की तलाश कर रही हैं। वहीं, वरिष्ठ अधिकारी जैसे रामागुंडम सीपी अंबर किशोर झा और मंछेरियल डीसीपी भास्कर खुद जांच की निगरानी कर रहे हैं।

तेलंगाना SBI फ्रॉड से  ग्राहकों के भरोसे पर असर

इस घोटाले ने सिर्फ आर्थिक नुकसान ही नहीं पहुंचाया, बल्कि लोगों के मन में SBI जैसे बड़े बैंक की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए।

  • ग्राहक पूछ रहे हैं कि इतना बड़ा घोटाला एक साल तक कैसे छिपा रहा।

  • इससे SBI के ऑडिट सिस्टम की कमजोरियां उजागर हुई हैं।

  • साथ ही, गोल्ड लोन की सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं बढ़ गई हैं।

SBI ने कहा है कि इस मामले की गहन जांच की जा रही है और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए नए कदम उठाए जाएंगे।

तेलंगाना SBI फ्रॉड से सीख

यह घटना ग्राहकों और बैंकों दोनों के लिए सबक छोड़ती है।

ग्राहकों के लिए

  • हमेशा लोन स्टेटमेंट और रसीदें ध्यान से जांचें

  • समय-समय पर यह पक्का करें कि आपका गिरवी रखा सोना बैंक के सिस्टम में दर्ज है।

  • किसी भी अनियमितता पर तुरंत शिकायत करें।

बैंकों के लिए

  • कैश और सोने से जुड़े कर्मचारियों पर सख्त निगरानी जरूरी है।

  • त्रैमासिक ऑडिट की बजाय बार-बार जांच होनी चाहिए।

  • टेक्नोलॉजी आधारित सुरक्षा सिस्टम लागू किए जाएं ताकि मानवीय हस्तक्षेप कम हो।

SBI की आधिकारिक आश्वासन

बैंक ने साफ किया है कि ग्राहकों का सोना और पैसा सुरक्षित है। प्रभावित लोगों को मुआवजा दिलाने और संपत्ति की रिकवरी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

तेलंगाना के मंत्री विवेक वेंकटस्वामी ने भी हस्तक्षेप करते हुए विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है और ग्राहकों के हित सुरक्षित रखने के आदेश दिए हैं।

निष्कर्ष: भारत की बैंकिंग सुरक्षा के लिए चेतावनी

तेलंगाना SBI चन्नूर घोटाला इस बात का सबूत है कि बड़े-बड़े संस्थान भी अंदरूनी धोखाधड़ी से सुरक्षित नहीं हैं। एक भरोसेमंद कर्मचारी, ऑनलाइन सट्टेबाजी का दबाव और फिल्म से मिली गलत प्रेरणा ने 400 से ज्यादा ग्राहकों को संकट में डाल दिया।

फिलहाल पुलिस और बैंक दोनों मामले को गंभीरता से देख रहे हैं। लेकिन यह घटना साफ दिखाती है कि हमें मजबूत सुरक्षा व्यवस्था, बार-बार ऑडिट और ग्राहक जागरूकता की सख्त जरूरत है।

ग्राहकों को उम्मीद है कि जल्द ही उनका चोरी हुआ 20 किलो सोना और ₹1.10 करोड़ नकद वापस मिल जाएगा और दोषियों को सजा मिलेगी।

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