Dead Internet Theory क्या है? जानिए इंटरनेट की इस रहस्यमयी थ्योरी के बारे में

आज के समय में इंटरनेट हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिस इंटरनेट पर हम रोज़ाना समय बिताते हैं, वह असल में “जिंदा” है या “मरा हुआ”? यही सवाल उठाती है Dead Internet Theory। हाल ही में OpenAI के CEO और ChatGPT के निर्माता सैम ऑल्टमैन (Sam Altman) ने भी इस थ्योरी को लेकर चिंता जताई है। तो आइए आसान भाषा में समझते हैं कि Dead Internet Theory क्या है और क्यों यह चर्चा का विषय बनी हुई है।

Dead Internet Theory क्या है?

Dead Internet Theory के अनुसार, इंटरनेट पर मौजूद ज़्यादातर कंटेंट अब इंसानों द्वारा नहीं बल्कि बॉट्स (Bots) और AI सिस्टम्स द्वारा बनाया जा रहा है।

  • इसमें न्यूज़ आर्टिकल्स, सोशल मीडिया पोस्ट, कमेंट्स, मीम्स और यहां तक कि पूरी प्रोफाइल भी शामिल हैं।
  • यह थ्योरी कहती है कि असली लोगों से बातचीत करने के बजाय हम अक्सर मशीनों और AI-जनरेटेड कंटेंट से इंटरैक्ट कर रहे हैं।

इसी वजह से कुछ लोग इसे “Zombie Internet” भी कहते हैं — यानी इंटरनेट अभी चल रहा है, लेकिन ज्यादातर हिस्सा नकली या बॉट्स से भरा हुआ है।

Dead Internet Theory की उत्पत्ति

इस थ्योरी की शुरुआत एक फोरम पोस्ट से मानी जाती है, जिसे “IlluminatiPirate” नामक यूजर ने साझा किया था।

  • उन्होंने दावा किया कि 2016 के आसपास इंटरनेट पर बॉट्स का दबदबा बढ़ गया।
  • Reddit और 4chan जैसे प्लेटफॉर्म पर अजीबोगरीब बातचीत देखने के बाद इस विचार को और बल मिला।
  • 2021 में The Atlantic जैसी बड़ी वेबसाइट्स ने भी इसे कवर किया, जिससे यह थ्योरी तेजी से वायरल हुई।

Elon Musk और Dead Internet Theory

Elon Musk ने जब Twitter (अब X) खरीदने की तैयारी की, तब उन्होंने कहा था कि प्लेटफॉर्म पर बड़ी संख्या में फेक अकाउंट्स और बॉट्स हैं।

  • Musk ने यहां तक कहा कि उनके 90% ट्वीट रिप्लाई बॉट्स से आते हैं।
  • इस बयान ने Dead Internet Theory को और ज्यादा लोकप्रिय बना दिया।

Sam Altman का बयान

Sam Altman
Sam Altman

हाल ही में OpenAI CEO Sam Altman ने ट्वीट करते हुए कहा:

“मैंने Dead Internet Theory को कभी गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन अब लगता है कि Twitter पर LLM (Large Language Model) से चलने वाले बहुत से अकाउंट हैं।”

उनके इस बयान ने इंटरनेट पर हलचल मचा दी। कई लोगों ने ऑल्टमैन की आलोचना करते हुए कहा कि वही AI टेक्नोलॉजी के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के लिए जिम्मेदार हैं।

AI और “Zombie Internet”

Dead Internet Theory अब सिर्फ बॉट्स तक सीमित नहीं रही। इसमें AI Slop भी शामिल हो गया है।

  • AI Slop का मतलब है ऐसा कम-गुणवत्ता वाला AI कंटेंट जो बड़े पैमाने पर बनाया जाता है।
  • इसमें नकली मीम्स, सस्ते AI वीडियो, फेक कमेंट्स और AI द्वारा बनाए गए वायरल क्लिप शामिल हैं।
  • Facebook, Instagram, TikTok और YouTube पर इस तरह का कंटेंट आम होता जा रहा है।

इससे इंटरनेट धीरे-धीरे फेक प्रोफाइल, नकली एंगेजमेंट और घटिया कंटेंट से भरता जा रहा है।

Dead Internet Theory क्यों चिंता का विषय है?

  1. फेक न्यूज़ और गलत जानकारी: बॉट्स और AI गलत सूचनाएं तेजी से फैला सकते हैं।
  2. मानवीय इंटरैक्शन की कमी: असली लोगों के बजाय हम मशीनों से बातचीत करने लगते हैं।
  3. साइबर क्राइम का खतरा: बॉट्स का इस्तेमाल धोखाधड़ी और हैकिंग के लिए भी होता है।
  4. क्वालिटी कंटेंट की कमी: इंटरनेट पर असली और अच्छे कंटेंट की जगह घटिया AI कंटेंट फैल रहा है।

निष्कर्ष

Dead Internet Theory अभी भी एक कॉनस्पिरेसी थ्योरी मानी जाती है, लेकिन AI और बॉट्स की बढ़ती मौजूदगी इसे काफी हद तक सच साबित करती नज़र आ रही है।
Elon Musk और Sam Altman जैसे टेक दिग्गजों के बयान से साफ है कि इंटरनेट धीरे-धीरे नकली प्रोफाइल्स और AI-जनरेटेड कंटेंट से भर रहा है।

इसलिए ज़रूरी है कि हम इंटरनेट पर कंटेंट को समझदारी से पढ़ें और असली-नकली की पहचान करना सीखें।

Leave a Comment