भारत में राष्ट्रीय डाक सप्ताह 2025 (National Postal Week 2025) का आयोजन 6 से 10 अक्टूबर तक पूरे उत्साह के साथ किया जा रहा है। इस सप्ताह का उद्देश्य भारत की डाक सेवाओं की भूमिका, फिलैटली (डाक टिकट संग्रह) की कला, और देश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में इंडिया पोस्ट के योगदान को सम्मान देना है।
फिलैटली(Philately): डाक टिकटों की दुनिया में इतिहास की झलक
फिलैटली, यानी डाक टिकटों का संग्रह और अध्ययन, केवल एक शौक नहीं बल्कि इतिहास, संस्कृति और राष्ट्र की कहानियों का जीवंत माध्यम है। इसे “King of Hobbies” कहा जाता है क्योंकि यह न केवल ज्ञान बढ़ाता है, बल्कि रचनात्मकता और जिज्ञासा को भी प्रोत्साहित करता है।
डाक विभाग ने इस वर्ष के राष्ट्रीय डाक सप्ताह में फिलैटली पर विशेष ध्यान दिया है।
देशभर के स्कूल छात्रों ने दिल्ली के लाल किले स्थित फिलैटिक म्यूजियम सहित कई जगहों का दौरा किया। यहां उन्होंने पुराने डाक टिकटों के जरिए भारत के गौरवशाली इतिहास, सांस्कृतिक विविधता और डाक सेवा की यात्रा को नजदीक से जाना।
इन यात्राओं के माध्यम से विद्यार्थियों ने न केवल इतिहास जाना, बल्कि यह भी सीखा कि इंडिया पोस्ट कैसे लोगों को जोड़ने और देश की धरोहर को सहेजने का कार्य कर रहा है।
राष्ट्रीय डाक सप्ताह के प्रमुख आयोजन और थीम
राष्ट्रीय डाक सप्ताह के दौरान प्रत्येक दिन को एक खास थीम के साथ मनाया जाता है:
| दिनांक | थीम | प्रमुख गतिविधियाँ |
| 6 अक्टूबर | टेक्नोलॉजी डे | डिजिटल पोस्टल सेवाओं और ई-कॉमर्स से जुड़ी कार्यशालाएं |
| 7 अक्टूबर | वित्तीय समावेशन दिवस | इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) और पोस्ट ऑफिस सेविंग्स बैंक (POSB) पर जागरूकता अभियान |
| 8 अक्टूबर | फिलैटली एवं नागरिक सेवा दिवस | टिकट प्रदर्शनियाँ, पत्र लेखन प्रतियोगिता और सेमिनार |
| 9 अक्टूबर | विश्व डाक दिवस | #PostForPeople: Local Service. Global Reach थीम के तहत कार्यक्रम |
| 10 अक्टूबर | ग्राहक दिवस | डाक विभाग की विश्वसनीयता और ग्राहक सेवा पर फोकस |
राष्ट्रीय डाक दिवस 2025 – 10 अक्टूबर
हर साल 10 अक्टूबर को भारत में राष्ट्रीय डाक दिवस (National Post Day) मनाया जाता है। यह दिवस भारतीय डाक विभाग की 150 से अधिक वर्षों की यात्रा को सम्मानित करता है।
मुख्य उद्देश्य:
- लाखों डाक कर्मचारियों (Dak Sevaks) के समर्पण और मेहनत को पहचान देना।
- डिजिटल युग में भी डाक सेवाओं की अहम भूमिका को उजागर करना।
- ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन और ई-कॉमर्स लॉजिस्टिक्स में इंडिया पोस्ट की भूमिका पर प्रकाश डालना।
2025 की थीम:
#PostForPeople: Local Service. Global Reach
(लोगों के लिए पोस्ट – स्थानीय सेवा, वैश्विक पहुँच)
डाक टिकटों और पत्र लेखन से जुड़ी पहलें
भारत सरकार के डाक विभाग (Department of Posts) ने युवाओं में फिलैटली और पत्र लेखन की रुचि बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए हैं —
1️. ढाई आखर राष्ट्रीय स्तर पत्र लेखन प्रतियोगिता
हर साल आयोजित यह प्रतियोगिता युवाओं और वयस्कों को पत्र लेखन की कला के माध्यम से अपनी भावनाएं व्यक्त करने का अवसर देती है।
यह प्रतियोगिता दो श्रेणियों में होती है –
- 18 वर्ष से कम आयु वर्ग
- 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग
यह पहल न केवल लेखन को बढ़ावा देती है बल्कि भावनाओं और विचारों को सजीव रूप में प्रस्तुत करने का मंच देती है।
2️. दीन दयाल SPARSH योजना (Scholarship for Promotion of Aptitude and Research in Stamps as a Hobby)
1 अगस्त 2025 को शुरू की गई यह योजना कक्षा 6 से 9 तक के छात्रों के लिए है।
इसका उद्देश्य ऐसे छात्रों को प्रोत्साहित करना है जो फिलैटली में रुचि रखते हैं और शैक्षणिक रूप से भी उत्कृष्ट हैं।
3️. विशेष डाक टिकट और कवर जारी करना
इंडिया पोस्ट साल भर में विभिन्न स्मारक डाक टिकट (Commemorative Stamps), माय स्टैम्प, पोस्टकार्ड, और विशेष कवर जारी करता है।
ये टिकट भारत की विविध संस्कृति, इतिहास और समकालीन उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हैं।
राष्ट्रीय डाक दिवस का इतिहास
भारत में डाक सेवा का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है।
प्राचीन काल में राजा-महाराजा संदेशवाहक (Sandeshvahak) और घुड़सवारों के माध्यम से संदेश भेजते थे।
मुख्य ऐतिहासिक पड़ाव:
| वर्ष/काल | विकास |
| 1774 | वॉरेन हेस्टिंग्स ने भारत में संगठित डाक प्रणाली की शुरुआत की। |
| 1854 | लॉर्ड डलहौजी ने आधुनिक इंडिया पोस्ट की स्थापना की और ऑल इंडिया पोस्टल एक्ट लागू किया। |
| 1876 | भारत यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) का सदस्य बना। |
| 1972 | छह अंकों वाला पिन कोड सिस्टम लागू हुआ। |
| 1982 | भारत सरकार ने 10 अक्टूबर को राष्ट्रीय डाक दिवस घोषित किया। |
| 1986 | स्पीड पोस्ट सेवा की शुरुआत हुई। |
| 2012 | आईटी मॉडर्नाइजेशन प्रोजेक्ट के तहत डाक सेवाओं का डिजिटलीकरण शुरू हुआ। |
| 2018 | इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) लॉन्च हुआ। |
| 2025 | बजट में प्रस्ताव: इंडिया पोस्ट को “ग्रामीण अर्थव्यवस्था का उत्प्रेरक” और “पब्लिक लॉजिस्टिक्स संगठन” के रूप में विकसित करना। |
यूपीएससी और शिक्षा के लिए महत्व
राष्ट्रीय डाक दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि शिक्षा और सिविल सेवा तैयारी के लिए भी महत्वपूर्ण है।
यह विषय इतिहास, शासन, अर्थव्यवस्था, सामाजिक न्याय और समसामयिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है।
मुख्य बिंदु:
- इतिहास: 1854 में आधुनिक डाक प्रणाली की स्थापना।
- शासन: इंडिया पोस्ट, संचार मंत्रालय के अधीन कार्यरत है और DBT, MGNREGS जैसी सरकारी योजनाओं को लागू करता है।
- अर्थव्यवस्था: ग्रामीण वित्तीय समावेशन और ई-कॉमर्स में योगदान।
- सामाजिक न्याय: ग्रामीण और दूरदराज इलाकों तक सेवाओं की पहुँच।
- करेंट अफेयर्स: हर वर्ष की थीम और नई डिजिटल पहलें।
डाक विभाग और मंत्रालय की भूमिका
राष्ट्रीय डाक सप्ताह 2025 का आयोजन संचार मंत्रालय (Ministry of Communications) के अधीन डाक विभाग (Department of Posts) द्वारा किया जा रहा है।
वर्तमान मंत्री:
- केंद्रीय मंत्री: ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया (सांसद, गुना, मध्य प्रदेश)
- राज्य मंत्री: चंद्रशेखर पेम्मासानी (सांसद, गुंटूर, आंध्र प्रदेश)
निष्कर्ष: परंपरा और तकनीक का सुंदर संगम
राष्ट्रीय डाक सप्ताह 2025 यह संदेश देता है कि पत्र लेखन और डाक टिकटों की परंपरा आज भी प्रासंगिक है।
डिजिटल युग में भी इंडिया पोस्ट देश के हर नागरिक को जोड़ने, सरकारी योजनाओं को पहुँचाने और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का कार्य कर रहा है।
फिलैटली जैसे शौक से जुड़कर बच्चे न केवल इतिहास सीखते हैं, बल्कि संवाद, सृजनशीलता और अभिव्यक्ति का महत्व भी समझते हैं।
इसी तरह इंडिया पोस्ट हमारे देश के हर कोने को जोड़ने वाली एक मजबूत कड़ी के रूप में कार्य करता रहेगा।