विश्व GDP 2025: पुरे दुनिया में कूल कितने पैसे है ?

दुनिया की अर्थव्यवस्था एक विशाल मशीन की तरह है, जिसमें हर देश का योगदान अलग-अलग होता है। कोई देश तकनीक में आगे है, तो कोई उत्पादन में, और कोई सेवाओं में। जब हम सभी देशों की आर्थिक गतिविधियों को जोड़ते हैं, तो जो आंकड़ा मिलता है उसे विश्व GDP (Gross World Product – GWP) कहते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की अप्रैल 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2025 में पूरी दुनिया का अनुमानित नाममात्र GDP लगभग 113.8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर होने का अनुमान है। यह आंकड़ा बताता है कि दुनिया कितनी बड़ी आर्थिक शक्ति है।

इस ब्लॉग में हम विस्तार से जानेंगे कि विश्व GDP कैसे विभाजित है, कौन से देश और क्षेत्र सबसे बड़े योगदानकर्ता हैं, भारत की क्या स्थिति है और आने वाले वर्षों में वैश्विक अर्थव्यवस्था किस दिशा में जाएगी।


 GDP क्या होता है?

GDP यानी Gross Domestic Product किसी देश में एक तय समय (आमतौर पर एक साल) में बने सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को कहते हैं।

  • अगर सभी देशों का GDP जोड़ दिया जाए, तो हमें विश्व GDP मिलता है।
  • इसे वैश्विक उत्पादन, नवाचार, उपभोग और व्यापार का पैमाना भी कहा जा सकता है।

 विश्व GDP 2025 का बड़ा चित्र

  • कुल विश्व GDP (2025): $113.8 ट्रिलियन
  • वैश्विक औसत विकास दर: 2.8%
  • विकसित अर्थव्यवस्थाओं का हिस्सा: 58.76% (लगभग $66.87 ट्रिलियन)
  • उभरते व विकासशील देशों (EMDEs) का हिस्सा: 41.24% (लगभग $46.93 ट्रिलियन)

इसका मतलब यह हुआ कि दुनिया की ज्यादातर आर्थिक ताकत अब भी विकसित देशों के पास है, लेकिन तेजी से विकास कर रहे देशों की हिस्सेदारी भी लगातार बढ़ रही है।


 विकसित बनाम विकासशील अर्थव्यवस्थाएं

IMF देशों को दो हिस्सों में बांटता है:

  1. Advanced Economies (विकसित अर्थव्यवस्थाएं)
    • योगदान: लगभग 60%
    • प्रति व्यक्ति आय: $60,320
    • विकास दर: 1.4%
    • उदाहरण: अमेरिका, जर्मनी, जापान, यूके, कनाडा
  2. Emerging Markets & Developing Economies (उभरते और विकासशील देश)
    • योगदान: लगभग 41%
    • प्रति व्यक्ति आय: $6,800
    • विकास दर: 3.7%
    • उदाहरण: भारत, चीन, ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका

यहां साफ है कि भले ही विकसित देशों का GDP ज्यादा है, लेकिन तेजी से विकास करने वाले देशों का भविष्य और योगदान लगातार बढ़ रहा है।


 क्षेत्रीय आधार पर GDP 2025

IMF ने दुनिया की GDP को क्षेत्रों में बांटा है।

  • संयुक्त राज्य अमेरिका (US): $30.51 ट्रिलियन (26.81%)
  • यूरो क्षेत्र (Euro Area): $16.82 ट्रिलियन (14.78%)
  • जापान: $4.19 ट्रिलियन (3.68%)
  • यूनाइटेड किंगडम: $3.84 ट्रिलियन (3.37%)
  • कनाडा: $2.23 ट्रिलियन (1.95%)

वहीं उभरते क्षेत्रों में:

  • एशिया (चीन, भारत आदि): $27.67 ट्रिलियन (24.31%)
  • यूरोप (उभरते देश): $5.74 ट्रिलियन
  • लैटिन अमेरिका: $6.68 ट्रिलियन
  • मध्य पूर्व और मध्य एशिया: $4.94 ट्रिलियन
  • सहारा के दक्षिणी अफ्रीका: $1.90 ट्रिलियन

 दुनिया की टॉप 10 अर्थव्यवस्थाएं (2025)

रैंक देश नाममात्र GDP (ट्रिलियन USD) प्रति व्यक्ति आय (USD) विश्व हिस्सेदारी
1 अमेरिका $30.51 $89,110 26.81%
2 चीन $19.23 $13,690 16.89%
3 जर्मनी $4.74 $55,910 4.16%
4 भारत $4.19 $2,880 3.68%
5 जापान $4.19 $33,960 3.68%
6 यूके $3.84 $54,950 3.37%
7 फ्रांस $3.21 $46,790 2.82%
8 इटली $2.42 $41,090 2.12%
9 कनाडा $2.23 $53,560 1.95%
10 ब्राज़ील $2.13 $9,960 1.87%

अमेरिका और चीन मिलकर ही दुनिया के GDP का लगभग 43.7% योगदान करते हैं।

विश्व की सबसे छोटी अर्थव्यवस्थाएँ

कुछ छोटे द्वीपीय देश और सूक्ष्म राष्ट्र दुनिया की अर्थव्यवस्था में बहुत ही छोटा योगदान देते हैं।

  • तुवालु – लगभग 70 मिलियन डॉलर
  • नाउरू – लगभग 150 मिलियन डॉलर
  • पलाऊ – लगभग 250 मिलियन डॉलर
  • किरीबाती – लगभग 300 मिलियन डॉलर

इन देशों का योगदान 0.001% से भी कम है। लेकिन ये अपने पर्यटन, संस्कृति और रणनीतिक महत्व की वजह से अहमियत रखते हैं।


भारत की स्थिति (India GDP 2025)

  • भारत का अनुमानित नाममात्र GDP: $4.19 ट्रिलियन
  • रैंकिंग: दुनिया में चौथा स्थान
  • 2024-25 में GDP वृद्धि दर: 6.5%
  • 2025 की अनुमानित वृद्धि दर: 6.2% (सबसे तेज़ प्रमुख अर्थव्यवस्था)
  • प्रति व्यक्ति आय: $2,934 (लगभग ₹2.5 लाख)

 भारत के प्रमुख योगदान क्षेत्र:

  • कृषि (पारंपरिक और आधुनिक दोनों)
  • टेक्नोलॉजी सेवाएं (IT और BPO)
  • विनिर्माण (Manufacturing)
  • हस्तशिल्प और MSME सेक्टर
  • विदेशी और घरेलू निवेश

IMF के अनुसार, भारत 2028 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।


 भारत का GDP विकास दर (पिछले 10 साल)

वर्ष विकास दर (%)
2013 6.39
2014 7.41
2015 8.00
2016 8.26
2017 6.80
2018 6.45
2019 3.87
2020 -5.78
2021 9.69
2022 6.99
2023 8.15
2024 6.5
2025 6.2 (अनुमानित)

 विकसित और विकासशील देशों में असमानता

  • विकसित देशों में औसत व्यक्ति की आय $60,000+ है।
  • भारत जैसे देशों में यह $3,000 से भी कम है।
  • इससे पता चलता है कि अभी भी वैश्विक स्तर पर आय और अवसरों में बहुत बड़ा अंतर है।

भविष्य की संभावनाएं और चुनौतियां

  1. भारत और चीन का बढ़ता दबदबा
    • आने वाले दशक में एशिया वैश्विक विकास का इंजन रहेगा।
  2. विकसित देशों की धीमी वृद्धि
    • अमेरिका और यूरोप में वृद्ध होती आबादी और उत्पादन चुनौतियां।
  3. नई तकनीकों का प्रभाव
    • AI, ग्रीन एनर्जी, डिजिटल ट्रेड से वैश्विक GDP पर बड़ा असर होगा।
  4. भूराजनीतिक तनाव
    • युद्ध, व्यापार विवाद और सप्लाई चेन रुकावटें विकास की राह में बाधा बन सकती हैं।

 निष्कर्ष

2025 का विश्व GDP आंकड़ा हमें यह बताता है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था लगातार बदल रही है। अमेरिका और चीन अब भी शीर्ष पर हैं, लेकिन भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्थाएं तेजी से आगे बढ़ रही हैं।

भारत की 6% से ज्यादा की विकास दर यह साबित करती है कि आने वाले समय में भारत न केवल दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा बल्कि वैश्विक आर्थिक संतुलन में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।

इसलिए, आने वाले वर्षों में “वैश्विक GDP” की कहानी सिर्फ पश्चिम की नहीं होगी, बल्कि एशिया विशेषकर भारत और चीन की भी होगी।

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